हरिद्वार(आर सी/संदीप कुमार) इकबालपुर गांव की रीना की कहानी साहस, संकल्प और आत्मनिर्भरता की मिसाल है। कभी दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर रीना का जीवन एक छोटे से कमरे में परिवार के साथ गुजर-बसर करने की चुनौतियों से भरा था। लेकिन आज वह न केवल अपने गांव में एक सफल उद्यमी के रूप में जानी जाती हैं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन चुकी हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड सरकार की ग्रामोत्थान (REAP) परियोजना के तहत रीना की आर्थिक स्थिति का आकलन किया गया। उन्हें “अल्ट्रा पुअर पैकेज” के अंतर्गत चुना गया, जिसके तहत ₹35,000 का ब्याज मुक्त ऋण और स्वयं के ₹5,000 के योगदान के साथ सिलाई और कॉस्मेटिक की दुकान शुरू करने का अवसर मिला।
आज रीना की दुकान से वह प्रतिमाह ₹6,000 से ₹7,000 की आय अर्जित कर रही हैं, जो उनकी पिछली आय से कई गुना अधिक है। उनकी मेहनत और लगन ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उनकी पहचान बनाई। रीना “राधा स्वयं सहायता समूह”, प्रतिज्ञा महिला ग्राम संगठन और मंगलमय बहुउद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता की सक्रिय सदस्य हैं।
रीना की यह सफलता ग्रामोत्थान परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सही मार्गदर्शन का जीवंत उदाहरण है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और उचित सहयोग से कोई भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है।
यह कहानी न केवल रीना की जीत है, बल्कि उत्तराखंड के उन तमाम ग्रामीण परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं।