कलियर (आर सी / संदीप कुमार) उत्तराखंड में अवैध खनन का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है, और इसका सबसे ताजा मामला रुड़की के कलियर थाना क्षेत्र स्थित तेल्लीवाला गांव में सामने आया है। यहां खनन माफिया दिन के उजाले में बेखौफ होकर नदियों से रेत और खनन निकाल रहे हैं, जिससे नदियां अपना रास्ता बदल रही हैं और आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे हुए है, जिससे खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं।

बरसात में भी जारी है धंधा
ग्रामीणों का कहना है कि सुबह होते ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लंबी कतारें नदी में घुस जाती हैं और दिन भर अवैध खनन का खेल चलता रहता है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह धंधा बरसात के मौसम में भी धड़ल्ले से जारी है, जब नदियों का जलस्तर पहले से ही बढ़ा हुआ है। अवैध और अवैज्ञानिक तरीके से नदी की मिट्टी निकालने से नदियों का प्राकृतिक बहाव बदल रहा है, जिससे आसपास के खेतों में पानी घुसने और फसलों को नुकसान पहुंचने का खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों के लिए मुसीबत

अवैध खनन का यह सिलसिला न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि ग्रामीणों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गया है। खनन से भरी ओवरलोड ट्रॉलियां गांव की सड़कों को खराब कर रही हैं और कीचड़ फैला रही हैं। इसके अलावा, तेजी से भागती ट्रॉलियों के कारण दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस गंभीर समस्या के बावजूद, स्थानीय प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की निष्क्रियता ने खनन माफिया को और भी ज्यादा हावी होने का मौका दिया है। तेल्लीवाला गांव में नदी खनन के मामले में पुलिस और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं आई है, जिससे ग्रामीणों में और भी ज्यादा रोष है।
सरकार के दावे बनाम हकीकत
यह स्थिति तब है, जब उत्तराखंड सरकार अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए कई दावे कर रही है। सरकार का कहना है कि उन्होंने अवैध खनन पर सख्ती कर रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त किया है, लेकिन तेल्लीवाला जैसे मामले इन दावों पर सवालिया निशान लगाते हैं। यह स्पष्ट है कि धरातल पर अवैध खनन का खेल बेखौफ जारी है, और जब तक प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।