हरिद्वार (आर सी / संदीप कुमार) भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय है, और इन दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों की मौत का एक बड़ा कारण हेलमेट न पहनना है। इस समस्या से निपटने के लिए, हरिद्वार के परिवहन विभाग ने हाल ही में “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” नामक एक अभिनव और प्रभावी अभियान का शुभारंभ किया है। यह पहल न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करती है, बल्कि लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक भी करती है।
इस अभियान के तहत, हरिद्वार के सिडकुल (SIDCUL) क्षेत्र में चार प्रमुख पेट्रोल पंपों को चुना गया है जहाँ बिना हेलमेट पहने आने वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। यह एक सीधी और स्पष्ट रणनीति है: यदि आप सुरक्षित नहीं हैं, तो आपको आगे बढ़ने के लिए ईंधन नहीं मिलेगा। यह अभियान सिर्फ चालान काटने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना है। परिवहन विभाग की विशेष बाइक स्क्वाड इन पेट्रोल पंपों पर तैनात है, जो नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उन्हें सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में समझा रही है।

“नो हेलमेट – नो पेट्रोल” अभियान एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह लोगों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि उनकी जान पेट्रोल से कहीं ज़्यादा कीमती है। जब लोगों को यह पता होगा कि बिना हेलमेट के उन्हें पेट्रोल नहीं मिलेगा, तो वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले ही हेलमेट पहनना सुनिश्चित करेंगे। यह एक छोटा सा बदलाव है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है। यह पहल देश के अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
यह अभियान हमें याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी का सामूहिक कर्तव्य है। एक हेलमेट पहनना सिर्फ एक नियम का पालन करना नहीं है, बल्कि यह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” अभियान इसी भावना को मजबूत करता है और एक सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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