कलियर (आरसी / संदीप कुमार) कलियर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की बेहद धीमी रफ़्तार ने स्थानीय निवासियों को भड़का दिया है। 2027 के विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही, जनता की गहरी नाराज़गी का निशाना अब वर्तमान कांग्रेस विधायक और क्षेत्र के बीजेपी सांसद दोनों पर है। बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी को लेकर क्षेत्रवासी सीधे-सीधे जवाब मांग रहे हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।
डबल इंजन भी बेअसर: विधायक-सांसद पर जनता का सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से विधायक रहे कांग्रेस नेता और केंद्र-राज्य में ‘डबल इंजन’ की बात करने वाले बीजेपी सांसद दोनों ने ही कलियर के विकास को नज़रअंदाज़ किया है। चर्चा है कि कांग्रेस विधायक लंबे अरसे से विधायक बने बैठे हैं, बावजूद इसके क्षेत्र की स्थिति वर्षों से जस की तस बनी हुई है। इसी तरह, बीजेपी सांसद पर भी नाखुशी जताई जा रही है कि “डबल इंजन की विकास गाड़ी पर दूल्हे बने बैठे उन्हें भी कलियर के विकास को लेकर लगता है कुछ लेना देना नहीं है।” इसके साथ ही, बीजेपी के भावी प्रत्याशियों पर यह तंज कसा जाता है कि वे केवल “खास मौकों पर फोटो खिंचाकर जनसंपर्क का अभियान बताते नहीं थकते हैं।”
खोखले वादे और मूलभूत सुविधाओं की कमी
कलियर की जनता मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर कड़े सवाल उठा रही है, जिसके जवाब में नेताओं के पास केवल खोखले वादे हैं। क्षेत्रवासियों की मुख्य शिकायतें हैं कि सड़कें टूटी पड़ी हैं, सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, स्वास्थ्य सेवाएँ कमजोर हैं, और रोजगार के अवसर दिखाई नहीं देते। इसके अलावा, पूरे कार्यकाल में कोई बड़ा विकास प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ और चुनाव के समय किए गए वादे केवल कागज़ों तक ही सीमित रहे। एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन क्षेत्र होने के बावजूद, बुनियादी सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है। युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण देने के वादे का ज़मीनी असर शून्य है।
चुनावी अग्निपरीक्षा: दोनों पार्टियों पर दबाव
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह स्थिति 2027 में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगी। जनता सीधे पूछ रही है कि: “जब पांच साल में क्षेत्र बदल नहीं पाया, तो अगली बार जीतकर क्या होगा?” चुनाव नज़दीक आते ही, कलियर का माहौल गर्म हो गया है। जनता अब दोनों पार्टियों के भावी प्रत्याशियों से विकास का स्पष्ट एजेंडा चाहती है— “विकास कहाँ है? कौन-सा काम हुआ? और 2027 में किस एजेंडा पर वोट मांगे जाएंगे?” यदि वर्तमान विधायक और बीजेपी विकास का ठोस रिपोर्ट कार्ड पेश नहीं कर पाए, तो 2027 में कलियर सीट पर उन्हें जनता के नाराजगी का भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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