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सूचना के अधिकार में हुआ खुलासा, एसएनए की निरीक्षण रिपोर्ट आदेश को भी दिखाया ठेंगा, मौके पर बने लोहे के जीने को निगम पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में किया गायब, मचा हड़कंप

Byआर सी

Dec 18, 2025

हरिद्वार (आरसी/संदीप कुमार) एक ओर जहां धामी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करती आयी है और समय समय पर भ्रष्टा‌चारियों पर लगाम भी लगायी है, साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत 2 जुलाई 2025 को ऋषिकुल मैदान पहुंचकर विकास संकल्प पर्व में प्रतिभाग किया था और मुख्यमंत्री ने जनपद के चहुंमुखी विकास के 550 करोड़ की 107 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलांयास करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचारी सुधर जाएं या जेल जाएं, लेकिन सीएम की इस चेतावनी के बाद भी भ्रष्टारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। जिसका ‌जीता जागता उदाहरण सूचना के अधिकार में निगम के पटवारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में मौके पर बने करीब 60 से 70 फीट ऊंचे लोहे के जीने को ही गायब कर दिया हालांकि गत महीनों पूर्व नगर निगम के करोड़ों के ज़मीन खरीद-फरोख्त मामले में कई IAS और PCS अधिकारी निलंबित हुए थे। जिनमें हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी भी शामिल थे, वहीं दूसरी ओर सेवानिवृत्त पटवारी पर गंभीर आरोप लगने की शहर भर में चर्चा आम है। चर्चा तो यहां तक है कि एक चर्चित सेवानिवृत्त पटवारी, जिसे पूर्व में विजिलेंस ने रिश्वतखोरी के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जो फिलहाल ज़मानत पर बाहर है, उसे नगर निगम में संविदा पर पटवारी के पद पर काफी शिकायतें मिलने के बाद भी नियुक्ती दे रखी है, जिसका कार्य गलत रिपोर्ट पेश करना और अपने आला अफसरों को गुमराह करने का रह गया है। यह तब है जब देहरादून विजिलेंस में उसके खिलाफ मामला अभी भी विचाराधीन है। शहर में चर्चा है कि यह पटवारी अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। सूत्रों के अनुसार अवैध निर्माणों की शिकायत पर जब इसे अधिकारियों द्वारा मौके पर जांच के लिए भेजा जाता है। तो यह अवैध निर्माणकर्ताओं से सांठगांठ कर जांच को प्रभावित करने का प्रयास करता है। अपनी जेब गर्म करने के बाद, यह अपने अधिकारियों को गुमराह करने पर आमादा रहता है। यहां तक कि यह भी चर्चा का विषय है कि तहसील में रहते हुए उसके द्वारा किए गए कई क्रियाकलापों की गंभीर जांचें आज भी चल रही हैं। इन सबके बावजूद, इस पटवारी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और वह धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को लगातार चुनौती दे रहा है। अव पीड़ित शिकायतकर्ताओं ने जिले के डीएम सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस पटवारी की आय से अधिक संपत्ति की जांच कराए जाने की मांग को लेकर एक पत्र शीघ्र भेजे जाने की बात कही है।

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