मंगलौर (आरसी/संदीप कुमार): कहते हैं कि अगर इरादे फौलादी हों और नेतृत्व सही हाथों में हो, तो बड़ी से बड़ी ताकत को भी घुटने टेकने पड़ते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पीपल्स यूथ फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. ललित कुमार ने। मंगलौर स्थित एक बड़ी निजी कंपनी में हक की लड़ाई लड़ रहे 600 मजदूरों के चेहरे पर उस वक्त मुस्कान लौट आई, जब भारी विरोध के बाद कंपनी प्रबंधन उनकी मांगों को मानने पर मजबूर हो गया।
गेट पर डटे मजदूर, पुलिस के साये में चली वार्ता
19 दिसंबर 2025 को सुबह से ही कंपनी के गेट पर हलचल तेज थी। ‘पीपल्स सोशल एक्शन’ के बैनर तले मजदूरों ने हल्ला बोल दिया था। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। एक तरफ मजदूरों के नारे गूंज रहे थे, तो दूसरी तरफ बंद कमरों में प्रबंधन और ललित कुमार के बीच मांगों को लेकर लंबी खींचतान चलती रही।
वेतन में लगी लंबी छलांग: सीधा 5,000 से ज्यादा का फायदा
इस आंदोलन का सबसे बड़ा और सुखद परिणाम वेतन वृद्धि के रूप में सामने आया। जो मजदूर अब तक महज 7,000 रुपये में अपना गुजारा करने को मजबूर थे, प्रबंधन की मुहर के बाद अब उन्हें 12,539 रुपये + DA (महंगाई भत्ता) मिलेगा। वेतन में लगभग 80% की इस बढ़ोतरी को मजदूरों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। इसके अलावा अन्य मूलभूत सुविधाओं पर भी सहमति बनी है।
न्याय की जंग जारी रहेगी
जीत के बाद जोश से लबरेज ई. ललित कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने संकल्प दोहराया कि जब तक हर एक मजदूर को उसका वाजिब हक और न्याय नहीं मिल जाता, उनका संघर्ष थमेगा नहीं।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के दौरान जिला अध्यक्ष अनुज नहार्वे, राज्य महा सचिव देवराज सिंह, अनुज गौतम, कपिल छाबड़ा, अरुण कुमार और राज्य प्रभारी गोविंद सिंह जैसे दिग्गज नेता भी पूरी ताकत के साथ मैदान में डटे रहे।
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