हरिद्वार आर सी/गौरव कुमार)। श्यामपुर थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि श्यामपुर थाना पुलिस ने सनसनीखेज का खुलासा करते हुए दो हत्यारों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार 3 नवंबर को प्रातः डॉयल 112 हरिद्वार के माध्यम से मिली सूचना पर श्यामपुर पुलिस उमेश्वर धाम के सामने कांगडी पहुंची तो एक अज्ञात पुरुष का अधजला शव सडक किनारे पडा हुआ मिला। फील्ड यूनिट टीम को मौके पर बुलाकर भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किये गये। वहीं मृतक की पहचान गोपाल पुत्र शंकरलाल निवासी महमूद खान सराय जनपद सम्भल उ०प्र, हाल निवासी-ग्राम कांगड़ी थाना श्यामपुर जनपद हरिद्वार उम्र 33 वर्ष के रुप में मृतक की पत्नी अनिता द्वारा की गई। मृतक के भाई नीरज कुमार की लिखित तहरीर पर थाना श्यामपुर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा एसपी सिटी, एसपी क्राइम एवं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया। जानकारी के अनुसार कप्तान द्वारा एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी देते हुए सीओ सिटी जूही मनराल की लीडरशिप में टीमें गठित की गईं एवं विवेचना थानाध्यक्ष श्यामपुर नितेश शर्मा को प्रदान करते हुए घटना के शीघ्र अनावरण व अज्ञात अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
वहीं इस बाबत पर एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि थाना श्यामपुर पुलिस द्वारा मालूमात करने पर मृतक की पत्नी की इस वारदात में किसी प्रकार की संलिप्तता नही मिली। एसएसपी ने बताया कि 2 नवंबर सुबह 03 व्यक्ति मो०सा पर कांगड़ी शराब के ठेके पर आते हुये दिखाई दिये। उक्त बाइक सवार युवकों में मृतक गोपाल भी सम्मिलित था, जिससे अन्य दो व्यक्तियो की बहस बाजी व खींचातानी होना सामने आया। ठेका कर्मचारीगण से पूछताछ में मृतक से झगड़ रहे युवकों की पहचान रविन्द्र व मोहित के रुप में हुई। दोनों ही युवक शराब पीने के आदी थे लेकिन रविन्द्र के पहचान वाले लोगों एवं आसपास से उसके बारे में जानकारी करने पर उसकी आम छवि बेहद खराब होना प्रकाश में आया। उन्होंने बताया कि रविन्द्र अक्सर नशे में बुज़ुर्गों/बड़ों से बदतमीजी करता था और ज्यादा नशे में होने पर कभी किसी के छिटपुट पैसे भी निकाल लेता था। एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने 2 नवंबर को मृतक गोपाल के साथ शराब पीने और नशा ज्यादा होने पर मृतक की हत्या करने की बात तो स्वीकारी लेकिन ठेके के बराबर में खोका लगाकर नमकीन, सोडा आदि छुटपुट सामान बेचने वाले राजन नामक व्यक्ति के भी हत्या में शामिल होने की बात कही, लेकिन कई तरीकों से क्रॉस चेक करने पर सभी बातें झूठी साबित हुईं और एक निर्दोष खोका संचालक राजन जेल जाने से बच गया। उन्होंने बताया कि हत्या के दिन गोपाल के पास पांच सौ के नोटों में लगभग 18 से 20 हजार की नगदी पड़ी हुई थी। नशा होने पर जब मृतक गोपाल ने रविन्द्र और मोहित को उसकी पत्नी को टोके जाने पर गालियां दीं तो गुस्से और नगदी के लालच में दोनों ने गोपाल को ठिकाने लगाने का विचार कर लिया और सुबह से शाम तक कुछ कुछ घंटों के अंतराल में बैठकर शराब पी। 2 तारीख की रात को लगभग 10:30 बजे जब पूरे इरादे के साथ आए अभीयुक्त द्वारा तीसरी बार मिल-बैठकर शराब पी जा रही थी तो गोपाल ने फिर से इनके साथ गाली गलौज शुरू कर दी और मौका देखकर पहले अभियुक्त रविन्दर द्वारा गोपाल को मुख्य सड़क से धक्का देकर नीचे गिराया फिर नीचे झाड़ियां के पास गिरे गोपाल तक पहुंचकर दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। और सबूत मिटाने के चक्कर में मृतक के ऊपर शराब डालकर उसको जला दिया जिससे कि किसी को कुछ पता ना चले, एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।