• Thu. Nov 7th, 2024

दिवाली का तोहफा नहीं मिला तो कुछ गिने-चुने पत्रकार हुए नाराज

Byआर सी

Nov 6, 2024

हरिद्वार। दिवाली का त्योहार आपसी खुशियों और संबंधों का प्रतीक है, लेकिन इस बार गिने-चुने एक-दो पत्रकार, जिन्हें तोहफा नहीं मिला, ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाए हैं। इस बीच उन पत्रकारों के प्रति गलतफहमी पैदा करना भी अनुचित है, जिन्हें विभाग द्वारा संबंधों के आधार पर उपहार मिले हैं।

यह देखा जा रहा है कि दिवाली के मौके पर जिन पत्रकारों को अधिकारियों द्वारा सम्मानस्वरूप उपहार दिए गए हैं, उन्हें कुछ लोग ‘दलाल’ जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर रहे हैं। यह दृष्टिकोण न केवल अनुचित है, बल्कि उनके सम्मान और पेशेवर छवि को ठेस पहुँचाता है। विभाग द्वारा दिए गए उपहारों का उद्देश्य अच्छे संबंधों और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है, न कि किसी का पक्ष लेना या किसी को लाभ पहुंचाना।

दिवाली का पर्व, जो कि खुशियां और रिश्तों को मजबूत करने का अवसर होता है, इस साल एक अलग विवाद की वजह बन गया है। गिने-चुने एक-दो पत्रकार, जिन्हें इस बार दिवाली पर उपहार नहीं मिले, अपनी नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठाने लगे हैं। इन पत्रकारों ने अपनी नाराजगी में उन अधिकारियों को निशाना बनाया है, जो निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और समाज में अच्छे कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

विभागीय अधिकारियों का मानना है कि उनके अच्छे कार्यों का मूल्यांकन उपहारों से नहीं, बल्कि उनकी मेहनत, सच्चाई, और कर्तव्यनिष्ठा से होना चाहिए। ईमानदार अधिकारी अपने काम से अपनी पहचान बनाते हैं, न कि किसी गिफ्ट पर निर्भर रहते हैं।

जनप्रतिनिधियों ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक-दो पत्रकारों का यह रवैया त्योहार की मूल भावना के विपरीत है। दिवाली का त्योहार उपहार बांटने का नहीं, बल्कि खुशियां और स्नेह बांटने का पर्व है। कुछ गिने-चुने पत्रकारों द्वारा इस तरह के आरोपों को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास त्योहार की सकारात्मक भावना के खिलाफ है।

पत्रकारों के लिए यह समझना आवश्यक है कि अच्छे अधिकारी अपनी छवि बनाए रखने के लिए किसी उपहार पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि अपने कर्तव्यों और समाज में सकारात्मक योगदान के माध्यम से सम्मान पाते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि पत्रकार अपने लेखन में संयम बरतें और त्योहार की भावना को सही मायनों में समझें।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights