1. प्रथम कश्मीर युद्ध (1947–1948)
कारण: कश्मीर के हिंदू महाराजा हरि सिंह ने पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों के आक्रमण के बाद भारत में विलय पत्र (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किए।
घटनाक्रम: पाकिस्तानी सेना और कबाइली लड़ाकों ने कश्मीर पर कब्ज़ा करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने हस्तक्षेप करके घाटी के अधिकांश हिस्से को मुक्त कराया।
परिणाम: संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से युद्धविराम हुआ, और कश्मीर को “नियंत्रण रेखा” (LoC) के साथ विभाजित किया गया।
2. 1965 का युद्ध
कारण: पाकिस्तान ने कश्मीर में विद्रोह भड़काने के लिए “ऑपरेशन जिब्राल्टर” चलाया, जिसके बाद भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर हमला किया।
घटनाक्रम: 17 दिनों तक चले इस युद्ध में टैंकों की बड़ी लड़ाइयाँ हुईं। अमेरिका और सोवियत संघ के दबाव के बाद ताशकंद समझौते के साथ युद्ध समाप्त हुआ।
परिणाम: भारत को रणनीतिक लाभ मिला, लेकिन कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहा
3. 1971 का युद्ध: बांग्लादेश का उदय
कारण: पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में स्वतंत्रता आंदोलन और पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के बाद भारत ने हस्तक्षेप किया।
घटनाक्रम: भारतीय सेना ने पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर हमला किया। 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, और बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ।
परिणाम: शिमला समझौते (1972) के साथ नियंत्रण रेखा को औपचारिक मान्यता मिली।
4. कारगिल युद्ध (1999)
कारण: पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र कारगिल में घुसपैठ कर रणनीतिक चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया।
घटनाक्रम: भारत ने “ऑपरेशन विजय” चलाकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा।
परिणाम: पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, और नवाज शरीफ ने 4,000 सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की।
5. अन्य प्रमुख संघर्ष एवं तनाव
सियाचिन संघर्ष (1984–2003): भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर “ऑपरेशन मेघदूत” के तहत नियंत्रण स्थापित किया।
2001–2002 संसद हमला: आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों ने सीमा पर सेना तैनात कर दी।
2019 बालाकोट हवाई हमला: पुलवामा हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले किए।
2025 का हालिया संकट: अप्रैल 2025 में कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के पंजाब और कश्मीर में मिसाइल हमले किए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच हवाई युद्ध हुआ।
प्रमुख कारण और प्रभाव
कश्मीर विवाद: हर युद्ध का मूल कारण।
सांप्रदायिक विभाजन: 1947 के विभाजन के बाद पलायन और हिंसा ने द्वेष को गहरा किया।
परमाणु शक्ति: 1998 के बाद से दोनों देशों के पास परमाणु हथियार होने के कारण संघर्षों में “सीमित युद्ध” की नीति अपनाई गई।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुख्य केंद्र कश्मीर रहा है, लेकिन 1971 के युद्ध और 2025 के हालिया संकट जैसे मामलों में अन्य मुद्दे भी उभरे हैं। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और परमाणु हथियारों की मौजूदगी ने संघर्षों को सीमित करने में भूमिका निभाई है, लेकिन शांति प्रक्रिया अभी भी अधूरी है।