जिला मजिस्ट्रेट प्लेट लगी गाड़ी में सवार दो युवक, हूटर बजाते घूमे, स्थानियो ने पकड़ा, मामला कैसे दबा
हरिद्वार (आर सी)। तो क्या आम आदमियों के लिए ही नियम कायदे कानून बने है। जिला मजिस्ट्रट की गाड़ी में देर रात दो युवक हूटर बजाते व उलट ढंग से गाड़ी चलाते दिखाई दिए। स्थानीय निवासियों द्वारा रोकने पर कोतवाली जाते ही कैसे दबा मामला यह अपने आप मे एक बड़ा सवाल है। तथ्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में साफ जाहिर हो रहा है कि जिस प्रकार से दोनों युवकों का जिला मजिस्ट्रेट की नेम प्लेट लगी गाड़ी हूटर के साथ दौड़ाई गई। जिसके चलते स्थानीय निवासी बाल- बाल बचे स्थानीयों द्वारा रोकने पर दोनों युवक रोब दिखाते नजर आए। हालांकि वीडियो में स्थानिय निवासियों ने दोनों युवकों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का भी आरोप लगाया है।
मामला रविवार देर रात भीम गोड्डा रोड के पास का बताया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक दोनों युवकों को स्थानियो ने रोक कर समझाया लेकिन अपनी अकड़ के चलते दोनों युवकों ने किसी की नही सुनी इतने में मामला नगर कोतवाली पहुचा जहा जाते ही जिला मेजिस्ट्रेट की नेम प्लेट गाड़ी से हटा दी गई। जबकि स्थानिय युवकों का कोतवाली के बाहर जमावड़ा देखने को मिला। स्थानियो का कहना था कि दोनों युवक शराब के नशे में हूटर बजाते सरकारी गाड़ी दौड़ा रहे है। लेकिन मामला दबा क्योंकि मामला प्रशासन से जुड़ा था। दोनों युवकों पर कोई कार्यवाही तो दूर की बात है नगर पुलिस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी भी मीडिया को इस बारे में जबाब देने में कतरा रहे है या यूं कहें मुह छुपा रहे है। ऐसे में अपने आप मे बड़ा सवाल है कि उत्तराखंड पुलिस आए दिन अच्छी कामयाबी हासिल कर रही है। लेकिन उन्हें प्रशासन की गाड़ी के सामने नमस्तक हो कर मामले पर पर्दा डालना पड़ा। जाहिर सी बात है आम आदमी को ऐसी गलती करना काफी भारी पड़ता है, जिसमे पुलिस द्वारा नियम कानून के तहत इस तरह के अपराध करने वाले पर कार्यवाही अमल में लाई जाती है। वैसे अक्सर देखा जा रहा है कि हरिद्वार जिले के पुलिस कप्तान अजय सिंह अपराधियो को चेतावनी देते नजर आते है कि किसी भी कीमत पर अपराध करने वालो को बख्शा नही जाएगा। लेकिन इस मामले ने पुलिस प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है।
काफी देर तक चला शहर कोतवाली में मामला
युवकों को गाड़ी सहित शहर कोतवाली ले जाया गया जहा शहर के एक पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। लेकिन कैसे न कैसे बिना किसी कार्यवाही के चलते मामला दबा दिया गया। एक बार को स्थानियो निवासियों द्वारा मामला से पीछे हटना समझ आ सकता है। लेकिन पुलिस ने सरकारी गाड़ी में देर रात हूटर बजा रहे युवकों को बिना कोई कार्यवाही करे कैसे जाने दिया यह समझ के परे है।