हरिद्वार (आर सी/ संदीप कुमार)। शहर चर्चा में है कि विद्युत विभाग की कार्यशैली इन दिनों लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। विभाग की कथित लापरवाही के चलते एक तरफ जहाँ उपभोक्ताओं को अचानक से दस गुना तक बढ़े हुए बिजली के बिल मिल रहे हैं। जिससे उनमें दहशत का माहौल है। वहीं दूसरी तरफ खंभों पर तारों को बदलने का कार्य भी लापरवाही भरा साबित हो रहा है। गलत तरीके से तारों को जोड़ने और सड़कों पर लटकती तारों के कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
शहर के कई इलाकों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहाँ लोगों को अप्रत्याशित रूप से भारी-भरकम बिजली के बिल भेजे गए हैं। सामान्य रूप से दो से तीन हजार रुपये का बिल पाने वाले उपभोक्ताओं को अचानक से बीस से तीस हजार रुपये तक का बिल थमा दिया गया है।
सिर्फ बिल ही नहीं, बल्कि विद्युत विभाग द्वारा शहर में तारों को बदलने के कार्य में भी घोर लापरवाही बरती जा रही है। कई स्थानों पर कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से तारों को जोड़ दिया गया है, जिसके कारण आधी रात को लोगों के घरों में शॉर्ट सर्किट हो रहे हैं। इससे न केवल बिजली के उपकरण खराब हो रहे हैं, बल्कि आग लगने का खतरा भी बना हुआ है। वहीं, कई जगहों पर नई और पुरानी दोनों ही तरह की तारे सड़कों पर लटकी पड़ी हैं, जो राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग की यह बड़ी लापरवाही किसी भी दिन एक गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। लोगों ने यह भी मांग की है कि गलत बिलों को तुरंत ठीक किया जाए और तारों को बदलने के कार्य को सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए पूरा किया जाए। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। विद्युत विभाग की यह उदासीनता शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।