भगवानपुर (आर सी / संदीप कुमार) सोमवार की सुबह झिड़ियान में स्थित गैस एजेंसी से ग्राहकों को गैस सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण गैस सप्लाई करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल है, जो अपनी सैलरी बढ़ाने की माँग पर अड़े हुए हैं। इस हड़ताल से आसपास के गाँवों में रहने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बारिश के कारण उनके पास खाना पकाने का कोई और साधन नहीं बचा है।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
ग्रामीणों का कहना है कि भारी बारिश के कारण उनकी लकड़ियाँ गीली हो गई हैं, जिससे खाना पकाने के लिए ईंधन की भारी कमी हो गई है। ऐसे में गैस सिलेंडर ही एकमात्र सहारा है। लेकिन, कर्मचारियों की हड़ताल के कारण वे सिलेंडर नहीं ले पा रहे हैं। कई ग्रामीण, जो दूर-दराज के इलाकों से, नदी-नालों को पार करके एजेंसी तक पहुँचे, उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ा। एक ग्रामीण ने बताया, “हम लोग घाड़ क्षेत्र में रहते हैं। कई मुश्किलों को पार कर यहाँ आए, लेकिन यहाँ आकर पता चला कि गैस नहीं मिलेगी। यह तो गरीबों का शोषण है।”
कर्मचारियों की माँग और निराशा
दूसरी ओर, हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे केवल 7,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर काम कर रहे हैं, जो कि सरकार की न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम है। इस महंगाई के दौर में इतनी कम सैलरी में परिवार का पालन-पोषण करना बेहद मुश्किल है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी मालिक मोटी कमाई करते हैं, लेकिन उन्हें बहुत कम वेतन मिलता है। एक कर्मचारी ने कहा, “जब तक हमारी सैलरी नहीं बढ़ाई जाती, हम गैस की सप्लाई नहीं करेंगे।”
कर्मचारियों का कहना है कि गोदाम में पर्याप्त मात्रा में गैस सिलेंडर मौजूद हैं, लेकिन अपनी माँग पूरी न होने तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
प्रशासन और एजेंसी मालिक की चुप्पी
इस पूरे मामले पर न तो गैस एजेंसी के मालिक और न ही स्थानीय प्रशासन ने कोई प्रतिक्रिया दी है। ग्रामीणों और कर्मचारियों, दोनों को ही उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा ताकि लोगों को हो रही परेशानी खत्म हो सके।
यह देखना बाकी है कि कब तक यह गतिरोध खत्म होता है और ग्रामीणों को राहत मिलती है।