उक्त चर्चित दलाल की पिटाई की वीडियो भी हो रही खूब वायरल
ऐसे दलालों को विभागों में एंट्री देने वाले संबंधित अधिकारीयो व कर्मचारियों की मुख्यमंत्री स्तर से उच्च स्तरीय जांच की आवश्य्कता
हरिद्वार (आर सी)। अपने गठन काल से ही अवैध निर्माणों को रोकने के स्थान पर बढ़ावा देने के आरोपो से घिरते चले आ रहे, हरिद्वार- रुड़की विकास प्राधिकरण की वैसे तो भ्रस्ट कार्यशैली किसी से छिपी नही है। वही कॉलोनी नाइजरो , बिल्डरों, आर्केटेक्टो और अवैध निर्माण कर्ताओ से सांठगांठ कर शहर को कंक्रीट के जंगल मे तब्दील करने में महारथ हासिल कर चुके कुछ भ्रस्टाचारियो पर अव तक कोई कार्यवाही न होने के फलस्वरूप ही ऐसे दलालों को बढ़ावा मिलता आया है। जो विभाग की आड़ में लोगो को सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का डर दिखा कर निर्माणकर्ताओं को ब्लैकमेलिंग कर सरे आम लूटते चले आ रहे है। जिसका खुलासा दो दिन पूर्व भोला गिरी रोड पर चल रहे निर्माण को लेकर उक्त दलाल व निर्माणकर्ता के बीच हो रही बहस जारी वारयल वीडियो में हुआ है। जिसके बाद चहुओर से स्वयं को घिरता देख अपने आप को पाक साफ रखने के लिए विभाग को उक्त चर्चित दलाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित प्रेस विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी। ऐसा नहीं है कि उक्त चर्चित दलाल की भ्रष्ट कारगुजारियों से विभाग के अधिकारी या कर्मचारी अनजान हो, जानकारी होने के बाबजूद भी न तो उक्त प्रकरण से पहले उक्त दलाल के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में लाई गई और न ही उसकी एंट्री पर रोक लगाई गई। बताते चले कि उक्त चर्चित दलाल काफी सालों से शहर में जगह जगह हो रहे अवैध निर्माणों की शिकायत प्राधिकरण में लिखित तौर पर करते हुए निर्माणकर्ताओं से ब्लैकमेल करते हुए सेटिंग गेटिंग करता था। वही बहराल प्राधिकरण में एक ईमानदार आईएएस के आने के बाद आमजन में सुधार की उमीद जगी है
वायरल वीडियो पर बयान
वही उत्तम सिंह चौहान सचिव हरिद्वार – रूडकी विकास प्राधिकरण का कहना है कि संज्ञान में आया है कि हरिद्वार विकास क्षेत्र में आम जन मानस द्वारा किये जा रहे अपने निर्माण कार्यों पर अन्य व्यक्तियों द्वारा प्राधिकरण के कर्मचारी होने का हवाला देते हुए निर्माण एवं विकास कार्य की जांच किये जाने हेतु कहा जाता है। इस सम्बन्ध में सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि यदि कोई व्यक्ति प्राधिकरण का हवाला देते हुए उनके द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए आग्रह करता है तो उस व्यक्ति का पहचान पत्र देखने के उपरान्त यह सुनिश्चित होने पर कि वह प्राधिकरण का अधिकारी / कर्मचारी है, उसे प्रवेश करने की अनुमति दी जाए। प्राधिकरण के अधिकारी / कर्मचारियों के पास उनके पहचान पत्र उपलब्ध रहेंगें ।