रुड़की (आरसी / संदीप कुमार) ग्राम पंचायत बढ़ेडी राजपूताना के गोहर की ज़मीन से कथित तौर पर सात यूकेलिप्टस के पुराने पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया है। एक महीने से अधिक समय बीत जाने और ग्रामीणों द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद, संबंधित विभागों की धीमी कार्रवाई ने ग्रामीणों में रोष और व्यापक चर्चा का माहौल बना दिया है।
ग्रामीणों में चर्चा है कि शिकायत के बावजूद, कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी है। फाइलें अफसर और दफ्तरों के बीच ‘दफ्तर-दफ्तर’ खेल रही हैं, जिससे जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस देरी के कारण यह आशंका ज़ाहिर की जा रही है कि पेड़ काटने वाले प्रभावशाली और रसूखदार हो सकते हैं।
ग्रामीणों के बीच यह चर्चा गर्म है कि शिकायत के बाद, गोहर के पास स्थित एक गोदाम में काटे गए पेड़ों का कुछ माल तो बरामद हुआ, लेकिन शेष लकड़ी के अंश का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। संबंधित विभाग द्वारा इस मामले पर चुप्पी साधे रखने से भी गांव में सुगबुगाहट तेज हो गई है।
ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि आखिर 13 से 14 साल पुराने इन पेड़ों को किसने काटा? क्या पेड़ कटवाने वाले इतने रसूखदार हैं कि उनके प्रभाव के चलते महीने भर बाद भी दोषियों का पता नहीं चल सका है? ग्रामीण आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि किसी व्यक्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जांच को धीमा कर दिया है, या फिर ग्राम समाज के काटे गए पेड़ों का ‘बंदरबांट’ हुआ है।
गांव की हर गली और नुक्कड़ पर यह अवैध कटाई और प्रशासन की सुस्ती आजकल मुख्य चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि उच्च अधिकारी मामले का संज्ञान लें, तत्काल प्रभाव से जांच में तेज़ी लाएं, मुकदमा दर्ज कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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