हरिद्वार (आर सी/गौरव कुमार)। अपनी मांगों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर डीएफओ कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे वन बीट अधिकारी/वन आरक्षीथ संघ का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह उग्र आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने विभाग और शासन पर मांगों की लगातार अनदेखी का आरोप लगाया है। मंगलवार को गढ़वाल मंडल अध्यक्ष काका कश्यप ने अपनी टीम के साथ हरिद्वार स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर वन आरक्षियों को समर्थन दिया। वन बीट अधिकारियों ने वन सेवा नियमावली को 2016 से पूर्व की भांति लागू करना, शत प्रतिशत पदों में पदोन्नति करने, एसीपी का लाभ देने, वर्दी में एक स्टार लगाने और वेतन विसंगति की समस्या को प्रमुखता से उठाया। गढ़वाल मंडल अध्यक्ष काका कश्यप ने कहा कि पिछले 7 सालों से संघ अपनी प्रमुख मांगें को लेकर शासन स्तर पर वार्ता की जा रही है। जिसमें मुख्य मांग उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को पुनः लागू किया जाए. 10 वर्षों तक संतोषजनक सेवा देने वाले अधिकारियों की पदोन्नति की जाए। वन आरक्षियों की वर्दी नियमों में संशोधन (एक स्टार) किया जाये। एक माह का अतिरिक्त वेतन एवं आहार भत्ता दिया जाये। समस्त वन आरक्षियों को वाहन भत्ता बढ़ोतरी की जाये। उन्होंने कहा 2016 से पहले नियमावली के अनुसार वन दरोगा को पदोन्नति दी जाती थी जिसे प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने परिवर्तन किया जिसके कारण बन वीट अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। पूर्व में शत-प्रतिशत प्रमोशन हो जाता था लेकिन अब 12 साल होने के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। सरकार वन विभाग के वन बीट अधिकारियों की मांगों का संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन पूरे उत्तराखंड में जारी रहेगा। इस दौरान गढ़वाल के महामंत्री दिवाकर, उपाध्यक्ष दुष्यंत सैनी, महामंत्री ठाकुर सत्यवीर सिंह, प्रचार मंत्री राहुल नेगी, अभिषेक नौटियाल, मोनू, रूपा सैनी, मनीषा, हेमा यादव, आरती, नंदिनी, कुसुम, कविता, राधा, विक्की राजपूत, भूपेंद्र कुमार, सुमित सैनी, रोहित, विपिन, देवेंद्र सिंह, योगेश कुमार, वैभव, हेमंत, सुरेंद्र प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में वन कर्मचारी उपस्थित रहे।