हरिद्वार(आर सी/संदीप कुमार) शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हरिद्वार के प्रेम नगर आश्रम में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं विभाग, उत्तराखंड और राष्ट्रीय आयुष मिशन के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य योग महोत्सव का आयोजन हुआ।
“योग शरीर की क्रिया नहीं, आत्मा की गति है” – महामंडलेश्वर आदि योगी पुरी जी महाराज
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग करते हुए फोटो
इस कार्यक्रम में 850 से अधिक योग साधकों की सहभागिता ने इसे जनपद का सबसे बड़ा आयोजन बनाया। गंगा तट पर सूर्य की प्रथम किरणों के साथ शुरू हुए इस अनुष्ठान में श्रद्धा, साधना और स्वास्थ्य का अद्भुत संगम देखने को मिला।
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कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर आदि योगी पुरी जी महाराज (निरंजनी अखाड़ा) के उद्घाटन मंत्रों और आशीर्वचन से हुआ। उन्होंने कहा,
“योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का शाश्वत मार्ग है। यह वह शांति-पथ है जो आज की अस्थिर दुनिया को भीतर से जोड़ता है।”
विशिष्ट अतिथि महात्मा हरि संतोषआनंद जी महाराज ने योग को सेवा और करुणा से जोड़ते हुए कहा, “सच्चा योग वह है जो स्वार्थहीनता को जागृत करे और अराजकता को शांत करे।”
संत, समाज और प्रशासन का समन्वय
आयोजन में संतों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों, महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों की प्रभावशाली भागीदारी रही। डॉ. अनुपम जग्गा (प्रधानाचार्य, डीपीएस), श्री राजेन्द्र प्रसाद (प्रधानाचार्य, वंदे मातरम कुंज), श्री आशुतोष भंडारी (जिला शिक्षा अधिकारी), अमरीश चौहान (निर्वाचन विभाग), मीरा रावत (आपदा प्रबंधन विभाग), एसडीएम लक्सर और हरिद्वार, श्रीमती उमा पांडेय, श्री उमाशंकर, डॉ. राजीव कराले, और श्री गोविंद कुर्ल जैसे प्रतिनिधियों ने योग को सामाजिक आंदोलन का रूप प्रदान किया। सभी ने ‘स्वस्थ मन, सशक्त राष्ट्र’ के विजन को रेखांकित किया।
नेतृत्व और चिकित्सा विशेषज्ञता
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संजय चतुर्वेदी (दिव्य प्रेम सेवा मिशन) ने की। उन्होंने कहा, “प्रेम नगर आश्रम वह पवित्र स्थल है जहाँ योग और सेवा का मेल समाज को जोड़ता है।” डॉ. स्वास्तिक सुरेश (जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी) ने आयुष योजनाओं की महत्ता बताई। डॉ. अश्वनी कौशिक और डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ ने सूक्ष्म नियोजन के साथ कार्यक्रम को संचालित किया। डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, वंदे मातरम कुंज, भारतीय योग संस्थान और मैक्स हॉस्पिटल देहरादून जैसे संस्थानों ने सहयोग प्रदान किया।
विशेषताएं
– संतों, समाजसेवियों और अधिकारियों का एक मंच पर समागम।
– योगासन, ध्यान, मंत्रजप और प्राणायाम पर विशेष जोर।
– युवा, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और बच्चे सभी की समान भागीदारी।
– जीवनशैली रोगों पर चिकित्सकीय परामर्श, स्वास्थ्य प्रदर्शनी और पुस्तिका वितरण।
यह आयोजन केवल योग दिवस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आत्मा, समाज और स्वास्थ्य के मिलन का एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया, जो हरिद्वार की पवित्र भूमि से विश्व को शांति और साधना का संदेश देता है।