हरिद्वार (आर सी/संदीप कुमार) सावन के पवित्र माह में रविवार को सुबह थाना क्षेत्र बहादराबाद के रतमऊ नदी के पुल पर कांवड़ यात्रियों का उत्साहपूर्ण जत्था निकला। इस समूह में दिल्ली निवासी 23 वर्षीय सुंदर ने दंडवत कांवड़ यात्रा शुरू की, जो भगवान शिव के प्रति उनकी गहरी आस्था का प्रतीक है। सुंदर ने हरिद्वार से गंगा जल लेकर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते अपनी 38 दिनों की मनोकामना यात्रा शुरू की, जिसमें वे दंडवत। (लेट-लेटकर) प्रणाम करते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।
सुंदर के साथ उनके साथी राहुल नरेलिया भी इस यात्रा में शामिल हैं, जो 121 लीटर गंगा जल लेकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरिद्वार से दिल्ली की ओर निकले हैं। वहीं, सलारपुर निवासी संजू 51 लीटर गंगा जल के साथ अपने साथियों के साथ इस पवित्र यात्रा में सहभागी हैं। इस जत्थे में दस से बारह कांवड़िए शामिल हैं, जो डीजे की धुनों के साथ भक्ति और उत्साह के माहौल में अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

कांवड़ यात्रा, जो सावन मास में भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाती है, गंगा जल को पवित्र स्थानों से लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने की परंपरा का हिस्सा है। इस दौरान कांवड़िए सैकड़ों किलोमीटर की कठिन यात्रा पैदल तय करते हैं, जो उनकी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है।
हरिद्वार से दिल्ली तक का यह मार्ग कांवड़ियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है, जहां वे “बम-बम भोले” के जयकारों के साथ अपनी यात्रा को और उत्साहपूर्ण बनाते हैं। प्रशासन ने भी इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए यातायात व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
यह कांवड़ यात्रा भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव है, जो न केवल उनकी आध्यात्मिक यात्रा को सशक्त बनाता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करता है।