हरिद्वार( आर सी/संदीप कुमार) सलेमपुर गांव में कूड़े का ‘तमाशा’ थमने का नाम नहीं ले रहा! गांव में जहां तालाब का सौंदर्यीकरण हो रहा है और नई पानी की टंकी चमक रही है, वहीं सड़क किनारे कूड़े के ढेर ने ग्रामीणों की नाक में दम कर रखा है। मजेदार बात ये है कि जहां कूड़ा डाला जा रहा है, वहां पुलिस का बोर्ड चीख-चीखकर चेतावनी दे रहा है- “कूड़ा डालने पर 2,500 का जुर्माना!” लेकिन लगता है गांव के कुछ ‘कूड़ा-वीर’ इस बोर्ड को बस सजावट का सामान समझ रहे हैं!
स्लैब, जो बैठने के लिए बनाए गए थे, अब कूड़ेदान बन चुके हैं। पास ही बने समुदाय स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल के बच्चे इस ‘कचरा-महक’ से परेशान हैं। सड़क पर कूड़े की सड़न से मक्खी-मच्छरों का डिस्को चल रहा है, और बदबू ऐसी कि राहगीर नाक दबाकर भाग रहे हैं। ग्रामीणों में चर्चा गर्म है कि आखिर प्रशासन के ‘कान’ में ये बदबू क्यों नहीं जा रही?
लोगों का कहना है कि कूड़ा डालने वालों पर सख्ती तो दूर, बोर्ड की चेतावनी भी इन ‘कचरा-योद्धाओं’ पर बेअसर है। कुछ ग्रामीणों ने चुटकी लेते हुए कहा, “लगता है कूड़ा डालने वाले बोर्ड पढ़ना ही नहीं जानते, या शायद ढाई हजार उनके लिए ढाई रुपये जैसा है!”
अब सवाल ये है कि क्या सलेमपुर का प्रशासन इस ‘कचरा-कांड’ पर लगाम लगाएगा, या ये बदबू और मच्छरों का डांस यूं ही चलता रहेगा? ग्रामीण इंतजार में हैं कि कब कोई ‘स्वच्छता सुपरहीरो’ आएगा और गांव को इस कूड़े के कहर से बचाएगा!