हरिद्वार (आर सी/संदीप कुमार) मॉनसून की दस्तक के साथ ही हरिद्वार के पशुपालकों के बीच खुरपका-मुंहपका (FMD) रोग का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इस संक्रामक बीमारी ने मवेशियों को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में भारी गिरावट आई है। पशुपालकों का कहना है कि कई पशुओं की इस बीमारी से मौत भी हो चुकी है, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
स्थानीय पशुपालकों ने बताया कि बारिश के मौसम के अंत यह बीमारी हर साल फैलती है, लेकिन इस बार इसका प्रकोप कुछ ज्यादा ही है। कई पशुओं के मुंह और खुरों में छाले पड़ गए हैं, जिसके कारण वे न तो ठीक से खा पा रहे हैं और न ही चल पा रहे हैं।
एक पशुपालक ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, “कई दुधारू पशु इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। दूध उत्पादन आधा रह गया है। कुछ पशुओं की तो मौत भी हो गई, लेकिन हमें कोई मुआवजा तक नहीं मिलता हैं।”
पशुपालकों का चर्चा है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद पशुपालन विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वे अपने स्तर पर ही इलाज करा रहे हैं, जो उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है।
यह देखना होगा कि क्या पशुपालन विभाग इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेकर जल्द ही कोई प्रभावी कदम उठाता है, ताकि पशुपालकों को हो रहे नुकसान को रोका जा सके।