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मनरेगा योजना में ‘धांधली’ का आरोप: पाइपलाइन बिछाने में अनियमितता पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और VDO सवालों के घेरे में

Byआर सी

Oct 3, 2025

रुड़की (आरसी / संदीप कुमार) रुड़की तहसील अंतर्गत ग्राम मेवड़ खुर्द नागल में मनरेगा योजना के तहत सिंचाई पाइपलाइन निर्माण में कथित तौर पर भारी अनियमितता का एक गंभीर मामला सामने आया है। गांव के एक निवासी ने सीधे तौर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और ग्राम विकास अधिकारी (VDO) पर सांठगांठ कर करीब लगभग 95 हज़ार रुपये की अनुमानित लागत वाली इस योजना में धांधली करने का आरोप लगाया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

“काम ख़त्म, पर ज़मीन पर नहीं”

ग्रामीण नातीराम ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि मनरेगा योजना के तहत उनके खेत पर सिंचाई हेतु पाइपलाइन का बोर्ड लगाया गया था, जिस पर कार्य समाप्ति की तिथि पिछले वर्ष 29 जनवरी दर्ज थी। हालांकि, नाथीराम का दावा है कि कार्य समाप्ति की घोषणा के बावजूद वास्तव में ज़मीन पर कोई काम नहीं हुआ था।

शिकायत के बाद आनन-फानन में काम

मामला तब गरमाया जब ग्रामीण नाथीराम ने इसी वर्ष 9 सितंबर 2025 को उपजिलाधिकारी रुड़की से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। नाथीराम ने वीडियो में आरोप लगाया कि शिकायत के बाद मामले के उजागर होने के डर से, बुधवार की रात ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और ग्राम विकास अधिकारी ने आनन-फानन में मौके पर सिंचाई की लाइन को दबाने (बिछाने) का काम किया।

सबूत मिटाने का प्रयास जारी

नातीराम ने शुक्रवार को एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद, दबी हुई पाइपलाइन के ऊपर रोटरी फेर कर सबूत मिटाने का फिर से प्रयास किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर सरकारी योजनाओं के फंड की ‘बंदरबांट’ कर रहे हैं। नाथीराम ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि मामला उजागर होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती हैं।

प्रतिनिधि और वीडीओ का अलग पक्ष

इस बीच, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि किसान गोरखनाथ के खेत पर जाने वाली पाइपलाइन में लीकेज होने पर उन्होंने मरम्मत कराई है।

वहीं, ग्राम विकास अधिकारी जोध सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान गोरखनाथ ने बिना अनुमति और मनमर्जी से पाइपलाइन खोदकर मरम्मत का काम किया है।

इस गंभीर आरोप ने विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। ग्रामीण कह रहे हैं कि यदि मान भी ले कि पाइपलाइन लीकेज हुई हैं तो साल भर के भीतर कैसे लीकेज हो सकती है । क्या माल की गुणवत्ता सही नहीं थीं। वहीं बिना अनुमति पाइपलाइन मरम्मत होने पर भी सवाल खड़े किए। अब देखते हैं कि विभाग की क्या कार्यवाही होती हैं ।

शुक्रवार को नाथीराम ने खण्ड विकास अधिकारी को शिकायत देकर निष्पक्ष जांच की मांग की हैं।

खण्ड विकास अधिकारी रुड़की ने आश्वासन देते हुए कहा कि शिकायत प्राप्त हुई हैं। जांच निष्पक्ष की जाएंगी

 

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