सिडकुल (आरसी /संदीप कुमार) शनिवार की शाम सिडकुल थाने के इलाके में माहौल तब गरमा गया जब करीब 10 युवकों के एक झुंड ने बीच सड़क पर जमकर हुड़दंग मचाना शुरू कर दिया। ये ‘शरारती’ तत्व सड़क पर हल्ला मचा रहे थे और आपस में लड़ाई-झगड़ा कर रहे थे, जिससे उस रास्ते से गुजरने वाले आम लोगों की शामत आ गई।
राहगीरों को न सिर्फ इन मनचलों की वजह से आने-जाने में भारी दिक्कत हो रही थी, बल्कि कुछ जागरूक नागरिकों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्हें भी बहसबाजी का सामना करना पड़ा। इस ‘सरेआम तमाशे’ से स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा और रोष फैल गया। लोगों की शिकायत पर, देर न करते हुए सिडकुल थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
पहले समझाया, फिर किया कानूनी ‘इलाज’
पुलिस कर्मचारियों ने पहले इन दस लड़कों को शांति और संयम से समझाने की भरपूर कोशिश की। उन्हें बताया गया कि वे लोगों को परेशान कर रहे हैं और माहौल खराब कर रहे हैं। लेकिन, बताया जा रहा है कि हुड़दंग मचाने वाले इन युवकों पर पुलिस की किसी बात का कोई असर नहीं हुआ और वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।
जब पानी सिर से ऊपर चला गया, तो हरिद्वार पुलिस ने तत्काल फैसला किया कि अब कानूनी डंडा चलाना ही पड़ेगा। उप निरीक्षक अनिल बिष्ट, कांस्टेबल कुलदीप डिमरी और पीआरडी राकेश कुमार की टीम ने तत्काल इन सभी 10 हुड़दंगी आरोपियों के खिलाफ धारा 170BNSS के तहत कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई ने साफ संदेश दिया कि सार्वजनिक शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
इन 10 आरोपियों में से अधिकतर सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, संभल, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के निवासी हैं, जो फिलहाल सिडकुल में स्थित दो निजी कॉलोनियों में रह रहे थे। अब इस कार्रवाई के बाद शायद इन्हें समझ आ गया होगा कि हरिद्वार की सड़कों पर बेफिजूल का शोर-शराबा और हंगामा करना कितना महंगा पड़ सकता है!