ज्वालापुर (आरसी / संदीप कुमार) हरिद्वार में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहाँ एक घरेलू सहायिका ने मालिक की माँ के इलाज के लिए रखे लाखों रुपयों पर हाथ साफ़ कर दिया। लेकिन हरिद्वार पुलिस की तेज़ी ऐसी थी कि चोरनी का ‘शॉर्टकट’ प्लान ‘शॉर्ट सर्किट’ हो गया।
‘कैश’ देखते ही मन में आया ‘क्राइम’
ज्वालापुर के मोहल्ला चौहानान निवासी मनीष चौहान ने अपनी माँ के बोन कैंसर के इलाज के लिए 8,30,000 रुपए नगद और कुछ गहने अलमारी में रखे थे। उनकी घरेलू नौकरानी, ने ‘कर्म’ से ज़्यादा ‘करेंसी’ में दिलचस्पी दिखाई। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने वादी के पिता को अलमारी में पैसे रखते हुए देख लिया था। बस फिर क्या था, “तेरा ध्यान किधर है, तेरा कैश इधर है!” – सोचकर बुधवार को चोरी को अंजाम दे दिया।
रेत में दफ़न हुआ ‘चोरी का खजाना’
मनीष चौहान ने शुक्रवार को ज्वालापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही हरिद्वार पुलिस एक्टिव मोड में आ गई। एसएसपी हरिद्वार के निर्देश पर तुरंत टीमों का गठन हुआ। टीम में शामिल वरिष्ठ उपनिरीक्षक खेमेंद्र गंगवार ने सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के आधार पर शक की सुई नौकरानी की तरफ़ घुमाई।
ज्वालापुर पुलिस ने जब घरेलू नौकरानी के कमरे पर दबिश दी, तो उसे लगा शायद उसका ‘लकी डे’ खत्म हो गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि 2,77,000 रुपए तो उसने अपने पास रख लिए थे, लेकिन बाकी का ‘खजाना’ उसने घर के बाहर गली की रेत में छिपा दिया था।
यानी, आठ लाख तीस हजार लाख चुराए, कुछ पास रखे, और बाकी पैसे को ‘रेत के टीले’ में दफ़न कर दिया! शायद उसे लगा था कि रेत के नीचे उसकी चोरी ‘अदृश्य’ हो जाएगी।
पुलिस ने खोद निकाला ‘चोरी का धन’
अभियुक्ता की निशानदेही पर, पुलिस ने गली की रेत में खुदाई की और वहाँ से 3,47,000 नगद के साथ-साथ बिछुए, पाजेब, और सोने की अंगूठी भी बरामद कर ली। कुल मिलाकर, 6,24,000 नगद और गहने बरामद हुए।
हरिद्वार पुलिस की इस ‘फास्ट एंड फ़्यूरियस’ कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि लालच का अंत हमेशा बुरा होता है।
पुलिस की ‘गोल्डन’ अपील:
इस घटना के बाद हरिद्वार पुलिस ने जनता से अपील की है कि “किरायेदार हो या नौकर, वेरिफिकेशन है ज़रूरी! अपनी सुरक्षा का रखें ध्यान, ताकि कोई ‘नौकरानी’ न कर पाए कोई कांड