रुड़की (आरसी / संदीप कुमार) रुड़की तहसील के अंतर्गत आने वाले गांवों में अवैध खनन का कारोबार सूरज ढलते ही अपने चरम पर पहुंच जाता है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की रहस्यमय चुप्पी लोगों के बीच गंभीर चर्चा का विषय बनी हुई है। शांतरशाह और भारापुर भौंरी गांवों के आसपास के खेतों में खनन चोर बेखौफ होकर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर घुस जाते हैं और रात भर अंधाधुंध मिट्टी का अवैध खनन करते हैं।

सूरज की रोशनी में दिखते हैं रात के गुनाह
ग्रामीणों के अनुसार, रात भर चली अवैध गतिविधियों के निशान अगले दिन सूरज निकलते ही साफ़ दिखाई देते हैं। नहरवाई के पट्टे हों या सामान्य कृषि भूमि ।
खनन माफिया काली रातों में मिट्टी उठाकर मोटी कमाई कर रहा है। इस चोर बाजारी से राज्य के राजस्व को भारी घाटा हो रहा है। अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन से रो नदी का प्राकृतिक बहाव हर साल बदल रहा है।
जिससे न केवल किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं बल्कि पानी का रुख भी अनियमित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की यह चुप्पी सबसे बड़ी चिंता का विषय है। शिकायतें किए जाने के बावजूद भी कोई बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है।

हैरानी की बात तो यह है कि दिन के उजाले में जेसीबी से मिट्टी उठाने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, फिर भी खनन विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है।

किसानों पर दोहरी मार
किसान इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं। पहले रो नदी की बाढ़ ने उनकी फसलों को तबाह किया, और अब लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण पट्टे के खेतों के बीच बह रहे पानी से पट्टाधारक बुआई नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं, खनन माफिया के बुलंद हौसले किसानों की आय पर सीधा प्रहार कर रहे हैं। जिस मिट्टी पर उनकी खेती निर्भर है, वह चोरी हो रही है, जिससे किसानों की आय दोगुनी होने के बजाय, उनकी लागत दोगुनी ज़रूर हो रही है। किसानों ने एक बार फिर उच्च अधिकारियों से इस गंभीर मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और अवैध खनन को रोकने की मांग की है।
तहसील रुड़की प्रशासन से संपर्क किया गया परन्तु कोई जवाब नहीं दिया गया। खनन विभाग का भी यही हाल हैं
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