लक्सर (आरसी/संदीप कुमार):लक्सर थाना क्षेत्र के रणसुरा गांव में अवैध खनन का काला कारोबार अब दिन और रात के फर्क को मिटा चुका है। गांव में चौबीसों घंटे सोनाली नदी का सीना चीरा जा रहा है। हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने पुलिस की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जिसमें खनन सामग्री से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली और स्थानीय थाने की ‘चेतक’ एक साथ दिखाई दे रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी में अवैध वाहनों की यह बेरोकटोक आवाजाही यह बताने के लिए काफी है कि खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दिन के उजाले में तो माफिया बेखौफ हैं ही, लेकिन रात होते ही हालात और भी बदतर हो जाते हैं। सूरज ढलते ही खनन माफियाओं की सक्रियता कई गुना बढ़ जाती है। रात के सन्नाटे में गांव की तंग गलियों से पूरी रात खनन सामग्री से लदे वाहनों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है। अँधेरे का फायदा उठाकर माफिया और भी ज्यादा रफ्तार और लापरवाही से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को दौड़ाते हैं, जिससे ग्रामीणों की नींद हराम हो चुकी है और हादसे का डर पूरी रात बना रहता है।
दिन में पुलिस की ‘चेतक’ के सामने से गुजरते वाहन और रात के अंधेरे में बढ़ता यह ‘तांडव’ साफ इशारा कर रहा है कि कानून व्यवस्था यहाँ पूरी तरह लाचार हो चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार, जब भी वे इस चौबीसों घंटे चलने वाले अवैध धंधे और उससे होने वाली परेशानियों की शिकायत करते हैं, तो उन्हें माफियाओं द्वारा धमकियां दी जाती हैं।
प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व भले ही अवैध खनन पर लगाम लगाने के दावे करे, लेकिन रणसुरा में खनन माफिया दिन-रात पुलिस-प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। क्षेत्र के लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस सिर्फ खानापूर्ति के लिए गश्त करती है? आखिर दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक जारी इस लूट और जानलेवा खेल पर प्रशासन कब जागेगा?
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