बलूचिस्तान 14 मई 2025 बलूच नेता और लेखक मीर यार बलूच ने बुधवार को पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने दशकों से बलूच लोगों पर हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकार उल्लंघनों को इसका कारण बताया।
मीर यार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावुक पोस्ट में कहा, “बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय फैसला दे दिया है। बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है। दुनिया अब मूकदर्शक नहीं रह सकती।”
मीर यार बलूच, जो फ्री बलूच मूवमेंट के प्रतिनिधि और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, ने भारत से नई दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की अनुमति मांगी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने, शांति सेना भेजने और पाकिस्तानी सेना को क्षेत्र से हटाने की अपील की। उन्होंने कहा, “तुम मारोगे, हम निकलेंगे। हम नस्ल बचाने निकले हैं, आओ हमारा साथ दो।
उन्होंने भारत के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को खाली करने के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान नहीं माना, तो उसे 1971 की तरह अपमान का सामना करना पड़ सकता है, जब ढाका में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। मीर यार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से PoK को खाली करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने का आग्रह किया।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने भी हाल में ऑपरेशन हेरोफ 2.0 के तहत 58 स्थानों पर 78 हमले करने का दावा किया, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। BLA के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा, “आजादी मिलने तक हमले जारी रहेंगे।”
हालांकि, यह घोषणा एकतरफा है और पाकिस्तान ने इसे मान्यता नहीं दी है। बलूचिस्तान अभी भी पाकिस्तान का हिस्सा है, और स्वतंत्रता की प्रक्रिया जटिल है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समर्थन और संयुक्त राष्ट्र की सहमति आवश्यक होगी।
मीर यार ने भारतीय मीडिया और बुद्धिजीवियों से बलूचों को “पाकिस्तान के लोग” कहने से बचने का आग्रह किया, यह स्पष्ट करते हुए कि “हम बलूचिस्तानी हैं, पाकिस्तानी नहीं।” उनकी पोस्ट के साथ #RepublicOfBalochistan ट्रेंड करने लगा, और बलूच झंडे व नक्शे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
बलूचिस्तान 1947 में स्वतंत्र था, लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने इसे जबरन अपने नियंत्रण में ले लिया। तब से बलूच लोग स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर हैं, लेकिन बलूचों का आरोप है कि पाकिस्तान उनकी जमीन का शोषण कर रहा है।
यह घोषणा भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आई है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान के लिए रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक चुनौती हो सकती है।