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उत्तराखंड में श्रमिकों के लिए ऐतिहासिक जीत: पीपल्स यूथ फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. ललित कुमार के नेतृत्व में निम्नतम मजदूरी अधिनियम लागू

Byआर सी

Jun 4, 2025

रुड़की (आर सी/संदीप कुमार) पीपल्स यूथ फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर ललित कुमार के नेतृत्व में उत्तराखंड में श्रमिकों के हित में एक क्रांतिकारी आंदोलन ने नया इतिहास रच दिया है। पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक (PPID) की यूथ विंग के तत्वाधान में शुरू हुए Peoples Social Action (जन लोक कार्यवाही) आंदोलन ने हरिद्वार की सैकड़ों निजी कंपनियों में श्रमिकों के लिए निम्नतम मजदूरी अधिनियम और श्रम कानूनों को लागू कराने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।

पिछले कई वर्षों से इंजी. ललित कुमार के नेतृत्व में सड़क से लेकर अदालत तक श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी जा रही थी। इस आंदोलन ने अब धरना-प्रदर्शन और हड़ताल के रूप में व्यापक स्वरूप ले लिया है। जहां श्रम विभाग वर्षों में श्रमिकों को न्याय नहीं दिला सका, वहीं ललित कुमार के नेतृत्व में केवल दो दिनों के धरना-प्रदर्शन से श्रमिकों को 100% न्याय मिला है।

श्रमिकों के लिए मिले बड़े अधिकार 

इस आंदोलन के परिणामस्वरूप, निजी कंपनियों में अब तक 5,000 से 6,000 रुपये मासिक वेतन पाने वाले श्रमिकों को निम्नतम मजदूरी अधिनियम के तहत 12,500 से 13,500 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। लगभग 250 श्रमिकों के लिए यह वेतन वृद्धि 6,500 रुपये प्रति माह की होगी, जिससे प्रति माह 16 लाख 25 हजार रुपये और सालाना 1 करोड़ 95 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि श्रमिकों को प्राप्त होगी। इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों से कंपनियों द्वारा निम्नतम मजदूरी से कम भुगतान की गई राशि, जो अनुमानित 10 करोड़ रुपये से अधिक है, श्रमिकों को वापस की जाएगी।

समान काम, समान वेतन और अन्य सुविधाएं

इस आंदोलन ने पुरुष और महिला श्रमिकों के लिए “समान काम के लिए समान वेतन” सुनिश्चित किया है। अब वेतन नकद के बजाय हर महीने की 7 तारीख को बैंक खाते में जमा होगा। साथ ही, श्रमिकों को EPF, ESI, अवकाश सुविधा और दोगुना ओवरटाइम वेतन जैसे अधिकार भी प्राप्त होंगे। ठेकेदारों और कंपनियों में कार्यरत सभी श्रमिकों को समान वेतन का लाभ मिलेगा।

श्रमिकों में खुशी की लहर, कंपनियों में खलबली 

इस ऐतिहासिक जीत से श्रमिकों में उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई है, वहीं उत्तराखंड की निजी कंपनियों में हड़कंप मच गया है। इंजी. ललित कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2024 में निम्नतम मजदूरी को बढ़ाकर 24,000 रुपये मासिक करने की घोषणा को लागू कराने के लिए भी देशव्यापी आंदोलन की तैयारी पूरी हो चुकी है।

संगठनों और जनप्रतिनिधियों का समर्थन 

इस मुहिम को पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक, मूलनिवासी संघ, मूलनिवासी विद्यार्थी संघ, भीम आर्मी, बहुजन सेना जैसे संगठनों के साथ-साथ झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती, जिला पंचायत सदस्य विपिन कुमार, बीडीसी अंकुल कुमार जैसे जनप्रतिनिधियों का भी समर्थन प्राप्त है। ये सभी श्रमिकों के हक के लिए एकजुट होकर अंत तक लड़ने को तैयार हैं।

 

आंदोलन का अगला पड़ाव

रुड़की में दो दिन तक चले धरना-प्रदर्शन को समाप्त करने के बजाय, इसे अगली कंपनी में स्थानांतरित करने की घोषणा की गई है। धरना स्थल पर ललित कुमार ने श्रमिकों को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई, जिसने इस आंदोलन को और प्रेरणादायक बना दिया। सैकड़ों कंपनियों से हजारों शिकायत पत्र और फोन कॉल ललित कुमार को प्राप्त हो रहे हैं, जिसके चलते Peoples Social Action के तहत विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला की सूची जारी की गई है।

राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम की शुरुआत

ललित कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मई 2025 में उत्तराखंड से शुरू हुई Peoples Social Action मुहिम अब देशव्यापी बन चुकी है। अब तक 300 से अधिक श्रमिकों को उनके अधिकार दिलाए जा चुके हैं, और लाखों श्रमिकों तक इसे पहुंचाने की योजना है। इस आंदोलन से जुड़ने के लिए श्रमिकों और आम लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

इंजी. ललित कुमार के साहसिक, निर्भीक और अनुशासित नेतृत्व ने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के श्रमिकों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। यह आंदोलन निम्नतम मजदूरी और श्रमिक अधिकारों की लड़ाई में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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