हरिद्वार (आर सी/संदीप कुमार) शुक्रवार को जनपद हरिद्वार के मुलदासपुर माजरे गांव में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट को लेकर बहुजन समाज पार्टी के नेतागण ने ज्ञापन के माध्यम से उप जिलाधिकारी रुड़की को बताया कि प्रशासनिक लापरवाही और नियमों की अनदेखी को फिर से उजागर किया है। इस दर्दनाक हादसे में गांव निवासी दीपचंद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हादसे में कई पशुओं की भी मौत हुई। बसपा जिलाध्यक्ष अनिल चौधरी ने इस घटना को गंभीर बताते हुए प्रशासन पर लापरवाही का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री को केवल फुलझड़ी और अनार जैसे हल्के पटाखे बनाने की अनुमति थी, लेकिन मौके पर भारी मात्रा में बारूद पाया गया। यह लाइसेंस शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन दर्शाता है, जिसे प्रशासन ने नजरअंदाज किया। चौधरी ने कहा, “यदि समय पर जांच और निगरानी की जाती, तो यह हादसा रोका जा सकता था। यह केवल एक व्यक्ति की जान का सवाल नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में मानवीय जीवन की कीमत को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।”बसपा की मांगें
अनिल चौधरी ने शुक्रवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर तीन प्रमुख मांगें रखीं:
मृतक दीपचंद के परिवार को ₹50 लाख का मुआवजा।परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी।घायलों को ₹25 लाख का मुआवजा और हादसे की जांच के लिए समिति गठन।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो बसपा जनता के बीच जाकर इस कमी को उजागर करेगी और सत्ता में आने पर कड़ी कार्रवाई करेगी। ज्ञापन सौंपने के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में अन्य अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। गांव में भय और आक्रोश यह हादसा न केवल दीपचंद के परिवार के लिए त्रासदी बना, बल्कि पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही ने इस हादसे को जन्म दिया।मौके पर मौजूद रहे
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ज्ञापन सौंपने के दौरान बसपा के लोकसभा प्रभारी तुलसीराम मौर्य, विधानसभा प्रभारी धनराज वर्मा, विधानसभा सचिव अक्षय गौतम, कलियर विधानसभा अध्यक्ष राकेश, मंगलौर विधानसभा अध्यक्ष तेलूराम, रुड़की विधानसभा अध्यक्ष सोनी, जिला संयोजक मैनपाल, नितांत कुमार, राजकुमार सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि केवल हादसे के बाद औपचारिकताएं पूरी करने के बजाय समय रहते जिम्मेदारी निभानी होगी। इस दुखद घटना ने एक बार फिर अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने और सख्त निगरानी की जरूरत को रेखांकित किया है।