मुम्बई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदिप शर्मा को एक बड़ा झटका दिया है। जिसमे 18 वर्ष पहले हुए लखन भैया एनकाउंटर में फर्जी एनकाउंटर करना साबित हुआ है, जिसपर बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
अबतक 112 बदमाशो का कर चुके एनकाउंटर
प्रदीप शर्मा 1983 बैच के पॉपुलर पुलिस अधिकारियों में से एक हैं, जिनमें विजय सालस्कर, प्रफुल्ल भोसले, रवींद्र आंग्रे और विनायक सौदे शामिल हैं। ये पुलिसकर्मी मुंबई अंडरवर्ल्ड पर अपनी कार्रवाई के लिए जाने जाते थे, जिनको लीड दाऊद इब्राहिम कास्कर, छोटा राजन, अरुण गवली, अमर नाइक और गैंगस्टर करते थे। 1999 में शर्मा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ छोटा राजन के सहयोगी विनोद मटकर को मार गिराया, जिसे डॉन ने पाकिस्तान में इब्राहिम को खत्म करने के लिए चुना था। उसी साल पुलिस ने मुंबई के दादर में डी-कंपनी के गैंगस्टर सादिक कालिया को मार गिराया।
2003 में शर्मा और उनकी टीम ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया। उनमें से दो, अबू सुल्तान और अबू अनवर, पाकिस्तानी नागरिक थे। शर्मा का विवादों से नाता रहा है। उन्हें अंडरवर्ल्ड से कथित संबंधों के लिए अगस्त 2008 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मई 2009 में महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया। प्रदीप शर्मा को नवंबर 2006 में राजन गिरोह के सदस्य रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया की कथित फर्जी मुठभेड़ के लिए 2010 में गिरफ्तार किया गया था। चार साल जेल में रहने के बाद 2013 में उन्हें बरी कर दिया गया था।
2017 में, उन्हें बहाल कर दिया गया और ठाणे पुलिस के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने अविभाजित शिवसेना में शामिल होने के लिए जुलाई 2019 में इस्तीफा दे दिया और मुंबई के नालासोपारा से विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह हार गए।
शर्मा को 2021 में दूसरी बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था जब उनका नाम एंटीलिया विस्फोटक मामले और मनसुख हिरन हत्या मामले में सामने आया था।