हरिद्वार(आर सी/संदीप कुमार) वर्द्धमान औद्योगिक क्षेत्र, पतंजलि योगपीठ के पास, सड़कों पर भारी मालवाहकों का ‘कब्जा’ अब स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बन चुका है। बिना अनुमति खड़े ट्रक और कंटेनरों ने राहगीरों का चलना मुश्किल कर दिया है, और हर पल बड़ी दुर्घटना का डर सताता रहता है। इस ‘पार्किंग पंगा’ से नाराज ग्रामीण और समाजसेवी अंकित नौटियाल प्रशासन की लापरवाही पर भड़के हुए हैं।

“कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके, लेकिन नतीजा सिफर!” अंकित नौटियाल ने वीडियो जारी कर कहा। स्थानीय लोग बताते हैं कि सड़क किनारे अवैध पार्किंग ने पैदल चलने की जगह छीन ली है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं। रात में बिना लाइट या रिफ्लेक्टर के खड़े वाहन ‘हादसों का इंतजार’ करते नजर आते हैं।



बात यहीं खत्म नहीं होती! क्षेत्र के उद्योगपतियों ने फैक्ट्रियां तो खोल लीं, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था भूल गए। नतीजा? कर्मचारियों को अपनी मोटरसाइकिलें फैक्ट्री परिसर के बाहर सड़क पर पार्क करनी पड़ती हैं। “कब बाइक चोरी हो जाए, कोई भरोसा नहीं!” एक कर्मचारी ने दुखड़ा सुनाया। सड़क पर बेतरतीब पार्किंग से यातायात जाम और राहगीरों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को शिकायतों का ‘पहाड़’ मिल चुका है, फिर भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ‘हवाई वादे’। “क्या कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार है?” एक स्थानीय अंकित नौटियाल ने तंज कसा। लोग मांग कर रहे हैं कि अवैध पार्किंग पर जुर्माना, नियमित पुलिस गश्त, और फैक्ट्रियों के लिए अलग पार्किंग जोन बनाया जाए।
यातायात पुलिस ने ‘जल्द एक्शन’ का दावा किया है, लेकिन स्थानीय लोग अब तक के ‘खोखले वादों’ से तंग आ चुके हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस ‘ट्रक तमाशे’ को खत्म कर पाएगा, या राहगीर और कर्मचारी यूं ही जाम और जोखिम में जूझते रहेंगे? फिलहाल, वर्द्धमान औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें ‘पार्किंग का अड्डा’ बनी हुई हैं, और जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर!