देहरादून(आर सी/संदीप कुमार) शुक्रवार को मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में उत्तराखण्ड की वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज के विकास और हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी (SLMC) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जड़ी बूटी उत्पादन को स्थानीय अर्थव्यवस्था के उत्थान और स्थानीय लोगों की जीविका एवं क्षमता विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसे गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए गए।मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे मैदानी जनपदों में जड़ी बूटी उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं, लेकिन वहां वन पंचायतों का अभाव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन जनपदों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से जड़ी बूटी उत्पादन शुरू किया जाए। साथ ही, हर्बल उत्पादन से संबंधित सभी डेटा की GIS मैपिंग और डिजिटलीकरण करने के निर्देश दिए।श्री बर्द्धन ने कैंपा फंड के माध्यम से निजी भूमि पर हर्बल उत्पादन की संभावनाएं तलाशने और हर्बल उत्पादन से संबंधित फॉरेस्ट व नॉन-फॉरेस्ट गतिविधियों को फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी (FDA) से जांचने के निर्देश दिए। इसके अलावा, हर्बल उत्पादन से जुड़े लोगों के लिए ऊंचाई के आधार पर प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार करने और वन विभाग के अधीन उपलब्ध वन उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग व वेल्यू एडिशन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया।यह कदम उत्तराखण्ड में जड़ी बूटी उत्पादन और हर्बल टूरिज्म को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों की आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।