कलियर (आरसी / संदीप कुमार)शांत और सरल जीवन के लिए जानी जाने वाली इमली खेड़ा नगर पंचायत अब अवैध शराब के कारोबार का गढ़ बन गई है। एक पिता-पुत्र की जोड़ी के नेतृत्व में चल रहा यह गोरखधंधा अब इस कदर हावी हो चुका है कि पूरे नगर पंचायत में यह व्यापार खुलेआम, दिन-रात संचालित हो रहा है।
आबकारी विभाग की अनदेखी, माफिया बेखौफ
स्थानीय शराब ठेके के मालिक द्वारा रुड़की आबकारी विभाग को बार-बार अवैध गतिविधि की सूचना दिए जाने के बावजूद, विभाग ने हर बार मामले को अनसुना कर दिया। इस अनदेखी का नतीजा यह रहा कि शराब माफिया इतने बेखौफ हो गए कि उन्होंने अब देसी और अंग्रेजी शराब की होम डिलीवरी तक शुरू कर दी।
जागने पर छापा, कानूनी पेंच से बच निकलते हैं दोषी
जब यह अवैध कारोबार पूरे शबाब पर पहुँच गया, तब कहीं जाकर आबकारी विभाग की नींद खुली। विभाग ने इमली खेड़ा में छापा मारा और भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि कानूनी कमजोरियों का फायदा उठाकर मुख्य शराब माफिया जल्द ही छूट जाते हैं, जिससे उनके हौसले और बुलंद हो जाते हैं।
रसूखदारों की संदिग्ध भूमिका: संरक्षण देने का आरोप
सूत्रों की मानें तो इस विनाशकारी व्यापार को चलाने में कुछ रसूखदार लोगों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। आमजन में यह चर्चा गर्म है कि जिन पर जनता की भलाई का जिम्मा है, वही लोग इस अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं। यह स्थिति स्थानीय जनता की सुरक्षा और भविष्य पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है।
इमली खेड़ा की जनता अब प्रशासन से सीधे सवाल कर रही है:
* आखिर यह गोरखधंधा कब तक खुलेआम चलता रहेगा?
* क्या प्रशासन की आँखें तब खुलेंगी जब कोई बड़ी अनहोनी हो जाएगी?
* क्या स्थानीय जनता की सुरक्षा यूं ही दाँव पर लगती रहेगी?
समय आ गया है कि आबकारी विभाग, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही करें। अगर आज इस अवैध सिलसिले को नहीं रोका गया, तो कल यह समस्या पूरे क्षेत्र के लिए एक नासूर बन सकती है।