लक्सर (आरसी / संदीप कुमार) कलसिया गाँव में उस रात त्योहार जैसा माहौल था। नेगपाल का बेटा विनीत अपना जन्मदिन मना रहा था। घर रोशनी से जगमगा रहा था और डीजे की धुन पर गाँव के लोग, खासकर नौजवान, झूम रहे थे। विनीत खुद को गाँव का ‘रॉबिनहुड’ मानता था, और उसका अहंकार उसकी हर हरकत से झलक रहा था।
भीड़ में कोने में खड़ा था तेरह साल का विवेक, अपने चाचा गड्डू के साथ आया हुआ। विवेक इन सब हंगामों से दूर, बस दूर से नाच-गाना देख रहा था।
रात गहराती गई, और शराब का दौर शुरू होते ही विनीत का मिजाज बदलने लगा। उसने अपनी जेब से एक देशी तमंचा 12 बोर निकाला। यह सिर्फ शो-ऑफ नहीं था, बल्कि गाँव में अपनी दहशत कायम करने का उसका तरीका था।
“आज मेरा जन्मदिन है! आज गोली भी चलेगी!” विनीत चिल्लाया।
किसी को कुछ समझ आता, इससे पहले ही विनीत ने हवा में फायर करने की जगह, जान-बूझकर भीड़ की ओर निशाना साधा। उसकी आँखों में एक अजीब सी क्रूरता थी। धायँ! गोली की आवाज़ ने जश्न को चीख-पुकार में बदल दिया। विवेक, जो शायद विनीत के गुस्से का शिकार बन गया था, ज़मीन पर गिर पड़ा। खून बह रहा था। चारों ओर भगदड़ मच गई।
अपनी करनी पर विनीत को एक पल की भी शर्मिंदगी नहीं हुई। वह तमंचा लहराता हुआ, अंधेरे का फायदा उठाकर, मौके से फरार हो गया। पुलिस की ‘पनी नज़र’ विवेक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। चाचा गड्डू ने अगले दिन, गुरुवार को, थाना खानपुर में जाकर विनीत के खिलाफ तहरीर दी। उन्होंने साफ़ कहा कि विनीत ने उनके भतीजे को जान से मारने की नीयत से गोली मारी है।
थाना खानपुर में तत्काल अभियोग पंजीकृत किया गया। मामला एक मासूम बच्चे से जुड़ा था और सार्वजनिक अशांति का था, इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। थानाध्यक्ष खानपुर, उ0नि0 धर्मेन्द्र राठी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने तुरंत गाँव के मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। दो दिन तक पुलिस ने गाँव की गलियों और विनीत के संभावित ठिकानों पर जाल बिछाए रखा।
आखिरकार शुक्रवार की देर शाम, पुलिस को सटीक सूचना मिली। विनीत, जो कलसिया के पास के गाँव भोवावाली में छिपा हुआ था, हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने जब उसे पकड़ा, तो उसके पास से वही अवैध देशी तमंचा 12 बोर भी बरामद हुआ, जिससे उसने विवेक को गोली मारी थी।
हरिद्वार पुलिस की त्वरित कार्यवाही ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों के लिए इस क्षेत्र में कोई जगह नहीं है। विनीत का जन्मदिन अब हवालात में मनेगा, और उसके ‘रॉबिनहुड’ बनने का सपना सलाखों के पीछे टूट चुका था।