ऋषिकेश (आरसी / संदीप कुमार) अंकुर पब्लिक स्कूल, ऋषिकेश में ‘दादा-दादी नाना-नानी दिवस’ का आयोजन धूमधाम और उत्साह के साथ किया गया। इस विशेष दिन को दादा-दादी और नाना-नानी के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके तथा उनके पोते-पोतियों के बीच के अनमोल बंधन को दर्शाने के लिए मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री जगमोहन सकलानी, श्रीमती कविता सकलानी, और श्री प्रतीक कालिया द्वारा किया गया। स्कूल प्रबंधन और छात्रों ने सभी दादा-दादी और नाना-नानी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिनके आगमन का स्कूल परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहा था।
बॉलीवुड सफारी थीम ने बांधा समां
इस वर्ष, कार्यक्रम को एक अनोखी ‘बॉलीवुड सफारी’ थीम पर आयोजित किया गया, जिसने पूरे वातावरण को खुशनुमा बना दिया। इस अवसर पर तरह-तरह के खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें सभी बुजुर्गों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ‘नींबू दौड़’ जैसे मनोरंजक खेल में उनकी भागीदारी ने सभी को आनंदित कर दिया। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे के साथ दिल को छू लेने वाली कहानियाँ साझा कीं और खुशनुमा गीत गाए।
मंच पर छात्रों ने संगीतमय प्रदर्शन दिए और भावपूर्ण भाषणों से अपने दादा-दादी नाना-नानी के प्रति अपनी भावनाओं और प्रशंसा को व्यक्त किया। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि दादा-दादी नाना-नानी परिवार की सबसे बड़ी धरोहर, एक प्रेमपूर्ण विरासत के संस्थापक, सबसे महान कहानीकार और परंपराओं के संरक्षक होते हैं। वे परिवार की सबसे मजबूत नींव हैं, जो अपने विशेष प्रेम और देखभाल के माध्यम से परिवार को एकजुट रखते हैं।
मुख्य अतिथियों ने अपने संबोधन में कहा कि दादा-दादी नाना-नानी हमारे माता-पिता के जीवन निर्माता होते हैं, और उनके योगदान के बिना, बच्चे जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें नहीं सीख पाते। भले ही वे पेशेवर शिक्षक न हों, लेकिन वे हमें रोज़मर्रा के जीवन और नैतिक मूल्यों के बारे में सिखाते हैं।
यह दिन दादा-दादी और उनके पोते-पोतियों के साथ उनके अनमोल बंधन का सम्मान करने और उनके त्याग व प्रेम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक यादगार अवसर बन गया।